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भास्कर एक्सप्लेनर:जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की तैयारी; जानिए प्रधानमंत्री की कश्मीरी नेताओं से मुलाकात के बाद राज्य में क्या बदला है?



जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन फास्ट ट्रैक पर आ गया है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाला परिसीमन आयोग पहली बार 6 जुलाई से जम्मू-कश्मीर का दौरा शुरू कर रहा है। यह पहला मौका है जब फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और मेहबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के नेता आयोग से मिलेंगे।

फारूक के नेतृत्व वाले पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (PAGD) में शामिल छोटी पार्टियां भी आयोग की बैठकों में शामिल होंगी। NC, PDP समेत PAGD में शामिल पार्टियां अड़ी हुई थीं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने और अगस्त 2019 में हटाए गए आर्टिकल 370 को फिर से लागू करने तक परिसीमन प्रक्रिया से दूर रहेंगी, पर अब उनका रुख बदल गया है।

यह बदलाव कश्मीरी नेताओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से 24 जून को मुलाकात के बाद आया है। मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के भाषण में साफ किया था कि जम्मू-कश्मीर में पहले परिसीमन होगा, फिर चुनाव। यानी विधानसभा चुनाव कब होंगे, यह परिसीमन की रिपोर्ट के बाद ही तय होगा। अब सभी पार्टियां इस प्रक्रिया में शामिल हो रही हैं तो लगता है कि आयोग मार्च 2022 तक अपनी रिपोर्ट बना लेगा और उसके बाद चुनावों की तारीख तय की जा सकेगी।